मुझे याद आयेगा
वो चहरे पे गहरी
जुल्फों का शाया,
वो बनके घटा अब
बरसने को आया,
मुझे याद आयेगा।
वो पलकें झुकाना
झुका के उठाना,
वो गुस्से में आँखों का
हये नजराना,
मुझे याद आयेगा।
वो चेहरे में जन्नत
गुलाबों की रंगत,
तुम्हे देखकर मैंने
मांगी थी मन्नत,
मुझे याद आयेगा।
- ख़ामोश
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