एक गुलाब
एक गुलाब मैंने भी
अपने सीने में छुपा रखा है,
मेरी यादों को,
मेरे सपनों को
जिसने महका रखा है।
पूनम की रात में
मैं भी बैठा था,
यूँ ही एक पत्थर पर,
वो पत्थर अभी तक
अपने बगीचे में दबा रखा है।
- ख़ामोश
kya baat hai..
ReplyDeleteThanks Doc :)
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