नीम के पत्तें
नीम के पत्तों को
समझकर आशियाना
उनमें छुपा जा रहा हूँ।
उनके सुलगाने से निकलते धुए को
समझकर कर अपनी जिन्दगी
उड़ाता जा रहा हूँ।
उनसे मिली जो कड़वाहट
उसको सत्य समझ कर
चखता जा रहा हूँ।
मगर मुझे ख़ुशी है
के मैं असत्य से बहूत दूर
चला जा रहा हूँ।
- ख़ामोश
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