Tuesday, November 13, 2012

तेरा मेरा हो

तेरा मेरा हो 


बेरंग बेवक्त को मैं तराशता रहा 
के कोई तो वक़्त ऐसा हो,
जिसमें कुछ रंग हों 
और तेरा मेरा हो।

सूखे पत्तो को खोंच भर कर हटाता रहा 
के कोई तो पत्ता ऐसा हो, 
जो हरा हो 
और तेरा मेरा हो।

सूखी कीकर के काटों को खुद से चुभाता रहा 
के कोई तो काँटा ऐसा हो, 
जो चुभे पर टूटे ना 
और तेरा मेरा हो।
                                                      - ख़ामोश 
          

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