तेरा मेरा हो
बेरंग बेवक्त को मैं तराशता रहा
के कोई तो वक़्त ऐसा हो,
जिसमें कुछ रंग हों
और तेरा मेरा हो।
सूखे पत्तो को खोंच भर कर हटाता रहा
के कोई तो पत्ता ऐसा हो,
जो हरा हो
और तेरा मेरा हो।
सूखी कीकर के काटों को खुद से चुभाता रहा
के कोई तो काँटा ऐसा हो,
जो चुभे पर टूटे ना
और तेरा मेरा हो।
- ख़ामोश
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