Monday, November 12, 2012

खुशबू प्यार की तेरे

खुशबू प्यार की तेरे 

ये हवा बावरी 
मुझमें खोनें लगी, 
खुशबू प्यार की तेरे 
मुझमें होने लगी।

क्यूँ ये रंग लाल सा 
किरणों में अ रहा,
कुछ नयी सी उमंग 
दिल मेरा गा रहा, 
ये सुबह कुछ नयी 
फिर से होनें लगी। 
खुशबू प्यार की ...

तू नहीं साथ है
फिर भी तू पास है। 
क्यूँ तेरी याद में 
कुछ नया ख़ास है। 
रूह मेरी रंग में 
तेरे होने लगी। 
खुशबू प्यार की ...
                                             - ख़ामोश 



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