सूरज की पहली किरण
सूरज की पहली किरण
या कोई खिलती कलि ,
बहारों की तुम
छवि तो नहीं।
एक शायर की तुम
कल्पना परि,
मीठे ख्यालों की तुम
संगिनी तो नहीं।
जगा देती तूफां
जो है कभी,
वो समंदर की तुम
लहरें तो नहीं।
- ख़ामोश
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