खुदा से लड़ते-लड़ते मैं काफ़िर हो गया
खुदा से लड़ते लड़ते मैं काफ़िर हो गया
मुझसे से क्यूँ पूछते हो के खुदा कहा है।
महखाने में जाने को उसने मजबूर किया
वरना हमें भी लोगों ने कभी अच्छा कहा है।
बेपर्दा है दिल तो आवारा कहला दिया गया
वरना परदे में हर सख्स यहाँ वहां है।
हुसन पर मरते है आशिक हसीनाओं के
वरना बेचिराग कोई परवाना जलता कहा है।
मस्जिद में जाने को खुदा ने रोका नहीं
वरना हर मस्जिद पर बड़ा सा ताला पड़ा है।
-ख़ामोश
No comments:
Post a Comment