जीवन हो जाए राग
जीवन हो जाए राग
न हो ढीले मन के तार
न वेदना का हो स्वर
आंखें करें आनंदविहार
चाहता हूँ मैं ।
ले बूँदें भीगी पलकों से
छलक दूं उन्हें तार पर
बज उठे संगीत कोई
गुनगुनाऊ रात भर।
चाहता हूँ मैं ।
- ख़ामोश
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