नवयुग की शुरुआत हुई है
राम राज की बात हुई है,
शंख नाद अब बज आया है
देश मेरा अब बढ़ आया है|
कुछ उम्मीदें आगाज़ हुई हैं
फिर से उड़ने की बात हुई है,
राम धनुष अब चढ़ आया है
देश मेरा अब बढ़ आया है|
पहचान की अपनी सौगात हुई है
फिर नए सपनों की बात हुए है,
युवा जोश अब जग आया है
देश मेरा अब बढ़ आया है|
- पंकज 'ख़ामोश'
- पंकज 'ख़ामोश'
No comments:
Post a Comment